lyrics shiv chalisa Secrets

अर्थ- जो कोई भी धूप, दीप, नैवेद्य चढाकर भगवान शंकर के सामने इस पाठ को सुनाता है, भगवान भोलेनाथ उसके जन्म-जन्मांतर के पापों का नाश करते हैं। अंतकाल में भगवान शिव के धाम शिवपुर अर्थात स्वर्ग की प्राप्ति होती है, उसे मोक्ष मिलता है। अयोध्यादास को प्रभु आपकी आस है, आप तो सबकुछ जानते हैं, इसलिए हमारे सारे दुख दूर करो भगवन।

मोहिः संभ्रान्तः स्थित्वा शान्तिं न प्राप्नोत्।

कार्तिक श्याम और गणराऊ । या छवि को कहि जात न काऊ ॥

तुह्मरे भजन राम को पावै। जनम जनम के दुख बिसरावै।।

अर्थ: हे भोलेनाथ आपको नमन है। जिसका ब्रह्मा आदि देवता भी भेद न जान सके, हे शिव आपकी जय हो। जो भी इस पाठ को मन लगाकर करेगा, शिव शम्भु उनकी रक्षा करेंगें, आपकी कृपा shri shiv chalisa lyrics उन पर बरसेगी।

देवनः यदा यदा गच्छति स्म तदा तदा आहूतवान्।

श्रीरामचरितमानस धर्म संग्रह धर्म-संसार एकादशी

द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।

जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥

वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥

वैसे तो आप शिव चालीसा को किसी भी दिन बोल सकते हैं, लेकिन रविवार, सोमवार तथा बुधवार को भगवान शंकर जी की चालीसा करने का बड़ा महत्व बताया गया.

हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे । शंकर सम्मुख पाठ सुनावे ॥

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